पहली मोहब्बत के लिए दिल जिसे चुनता है. वो अपना हो न हो…दिल पर राज हमेशा उसी का रहता है।
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कर दे नज़रे करम मुझ पर,
मैं तुझपे ऐतबार कर दूँ,
दीवाना हूँ तेरा ऐसा,
कि दीवानगी की हद को पर कर दूँ.
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आईना देखोगे तो मेरी याद आएगी
साथ गुज़री वो मुलाकात याद आएगी
पल भर क लिए वक़्त ठहर जाएगा,
जब आपको मेरी कोई बात याद आएगी.
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पहले ख़ुशी .. फिर ज़िद .. फिर आदत बन जाता है ,
इश्क़ और निखर जाता है जब # इबादत # बन जाता है!!
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वो आग कभी मेरे पास ही न आई थी
क़ुसूर मेरा था तभी तो जला हुं यारों...
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शायरी का मजा लेते है कुछ यु लोग
दर्द तो मेरा होता है तडप जाते है ओ लोग....
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जगत मी आलो असा की, मी जसा जगलोच नाही,
एकदा तुटलो असा की, मग पुन्हा जुळलोच नाही..
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तू सोबत असलीस कि मला
माझा हि आधार लागत नाही
तू फक्त सोबत रहा
मी दुसरं काही मागत नाही.
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अचानक त्या वळणावर
तुझ्या नि माझ्या नजरेच जुळणं
आणि त्यातच होत आकाशातील
सप्त रंगांचे एकमेकात मिसळणं...
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खुपदा तू नसून हि
जवळ असल्याचा भास होतो,
तो भास आहे हे कळल्यावर मात्र जीवाला त्रास होतो.
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तुला खूप वाईट वाटेल,
मला सोडून जाताना
कारण तुझही मन दुखावेल
माझं मन मोडताना..
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तुझ्या डोळयात पाणी येईल,
असे मी कधीही वागणार नाही,
कारण त्या अनमोल अश्रूंची किंमत मी कधीच चुकवू शकणार नाही..
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मी तुला जाणले नाही,
असं कधीच झालं नाही,
माझ्या डोळ्यातली अबोध प्रेम
तुला कधी कळलच नाही.
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काही नको मला फक्त तुझी साथ हवी..
माझ्या आयुष्यात येण्याची तुझी आस हवी..
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आहेस तू सोबतीला म्हणून जगण्याची आस आहे,
दिवस रात्र आता फ़क्त तुझाच ध्यास आहे..
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नको पाहूस माझ्याकडे,
अशा वेगळ्या नजरेने
माझंही मन वेड होईल,
अशा तुझ्या पाहण्याने..
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खरं प्रेम जे तू पाहिलं,
जे मी केलं,
खरं प्रेम जे आता फक्त आठवणीतचं उरलं..
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तुझ्या मनाचे दार
जेव्हा मी हळूच लोटलं
माझंच प्रतिबिंब
तेव्हा मला भेटलं.....
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तूझ्या कुरळ्या केसांना सावरत,
तिरक्या नजरेने पाहिलसं मला...
अन माझ्या मनाला लागलं ध्यास,
आता बनवायचं माझं फक्त तुला...
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तुझ्या आठवणींना आठवत,
माझं वेडं मन जगत होतं...
कधीतरी येशील तू जीवनात,
याच आशेवर वाट पाहत होतं...
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काय म्हणाव या डोळ्यांना काजळ बनून गोठून जाव यात.. नुकत्याच उमललेल्या कळ्यांना हळूच मिटून घ्याव हॄदयात...
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प्रेम म्हणजे नेहमी ऊगवणारी सुंदर सकाळ
हवीहवीशी वाटणारी रम्य संध्याकाळ..
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मन होतं माझं कुठेतरी हरवलेलं,
पण तरी ते तुलाच शोधत होतं,
तुला खरच ओळखता नाही आलं,
ते फक्त तुझ्यासाठीच झुरत होतं.
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